kanchan singla

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आसान है क्या...??

किसी कविता का यूं बन जाना आसान है क्या ?

शब्दों का अल्फाजों में यूं पिरो दिया जाना आसान है क्या ?

कलम का कागज पर स्याही बनकर उतर जाना आसान है क्या ?

टपकती बूंदों का निर्मल जल बन जाना आसान है क्या ?

गहरी खामोशी का सन्नाटों से मिल जाना आसान है क्या ?

दबा कर गमों को दिल में, लबों से मुस्कुराना आसान है क्या ?

इच्छाओं का त्याग कर वेदी पर चढ़ जाना आसान है क्या ?

महज पेट की खातिर किसी की घुड़कियान सुनना आसान है क्या ?

सिर्फ जीने के लिए यूं पल-पल मरना आसान है क्या ?

समाज के लिए परिवारों का खाक हो जाना आसान है क्या ?

माता-पिता की इज्जत की खातिर बेटियों का चुपचाप जुल्मों को सह जाना आसान है क्या ?

जज्बातों का यूं खामोशी से टूट कर बिखर जाना आसान है क्या ?

सपनों से भरे पंखों को कुचल देने पर भी उड़ जाना आसान है क्या ?


- कंचन सिंगला ©®

लेखनी प्रतियोगिता -29-Nov-2022

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5 Comments

Gunjan Kamal

05-Dec-2022 08:07 PM

शानदार

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Sandesh kumar 'Sarthak'

30-Nov-2022 08:01 AM

लाजवाब लाजवाब

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Abhinav ji

30-Nov-2022 07:55 AM

Very nice👍👍

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